कोलांग नृत्य kolang nritya
आमाबेड़ा क्षेत्र में पुष माह में किया जाने वाला पुष कोलांग नृत्य अपने आप मे विशेषताओं को समेटे हुए है आज जिस भौतिकतावादी दुनिया मे अपने संस्कृति और रीति रिवाज को सहेजना आसान नही है जैसे पुराने सामानों के लुप्त हों जाने पर उनका मॉडल बनाकर रखा जाता है ठीक वैसे ही संस्कृति को अभी सहेजने की दिशा में काम न किया जाए तो यह भी एक मॉडल ही बन पाएगा जो हमारे नैनो से कोशों दूर यह दृष्टिगत होना दूभर हो जाएगा इनको बचाये रखने हेतु यह क्षेत्र अपना अग्रणी भूमिका निभा रही है कोलांग नृत्य पुरुष प्रधान नृत्य है इसको टोली बनाकर मौखिक गा गा कर नाचे जाने वाला नृत्य है यह मांदरी के साथ गाया बजाया जाता था परंतु वर्तमान में ढोलक , डफरा, निसान के साथ भी यह नृत्य किया जाने लगा है इसमे भाग लेने वाले सदस्य किन्ही के यंहा विश्राम नही करते अपितु गांव से बाहर अपना छावनी बनाकर रहते है व आस पास के गाँव मे नाच कर अन्न व अन्य खाद्य सामग्री इकट्ठा करते है व छावनी में ले जाकर इनको पकाकर खाया जाता है यह भी हम आदिवासियों के परंपराओं का ही एक स्वरूप है जिसमे फसल के कट जाने के पश्चात अपने हिस्से का अन्न व आने वाले वर्ष अच्छे फसल की कामना हेतु यह नृत्य कर खाद्य सामग्री इक्टठा किया जाता है , इनके वेशभूषा में नृत्य करने वालो का शर्ट (पोषाक) एक ही रंगों का व चटकीली कलर का होता है व नीचे धोती या सुविधानुसार फुलपैंट का प्रयोग किया जाता है व सर पर पागा व मोर पंख या मुर्गी पंख की कलगी बनाया जाता है व मुह में आवश्यकता अनुसार मेकअप किया जाता है व नृत्य करने वाले कुछ पुरुष कमर पर घुंघरू व कुछ पुरुष पैरों में घुंघरू का भी प्रयोग करते है साथ ही हांथो में दो दो डंडा पकड़े रहते है जिसको नृत्य के समय एक दूसरे के डंडे से टकरा कर सुमधुर ध्वनि के साथ गीत गाते है प्रायः यह गीत अपने आराध्य को याद करके गाते है व यह गीत मैं जब जब सुना हूँ गोंडी भाषा मे ही गाते है कंही कंही हल्बी व छतीसगढ़ी में गाते होंगे पर मैं गोंडी में ही सुना हूँ , इनके ग्रुप में दो जोकर भी होते है जो कॉमेडी करते है व छोटे बच्चों के साथ शरारत करते है व उन्हें डराने का काम करते है वे अपने घर मे प्रयोग किये जाने वाले औजार का प्रतीकात्मक रूपों का भी प्रयोग करते है जैसे तीर धनुष , फरसा , टंगिया, आदि व कई बार छलिया मुखोटा , व नकली केस का भी प्रयोग करते है इसका उदाहरण नीचे वीडियो में दिया जा रहा है
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